1
छोटे/मझोले किसानों को खाद तक नहीं मिल पा
रहा है/धान-गेहूं को बिचौलियों के माध्यम से बेचना पड़ता है/समर्थन मूल्य तक नहीं
मिल पाता
सरकारी सुविधाएँ बड़े
किसानों सीमित रहती हैं.इसमें से अधिक किसान बहुधंधी हैं.इसका लाभ खास वर्ग ही उठा
पा रहा है.फिर कांग्रेस किस मुंह से कह रही है वाल-मार्ट/एफडीआई के आने से
किसानों का उद्धार हो जायेगा/
उनका सदियों का
दलिद्दर दूर हो जायेगा...
2
मीडिया के मंच पर फेल रहा भारत बंद का
कवरेज :
कारण-
1.ममता बनर्जी के प्रेसवार्ता का लाइव प्रसारण
2.अन्ना-अरविन्द के बीच दरार बढ़ाने पर फोकस
3.पाकिस्तान के डिप्लोमैटिक इन्क्लेव में स्थित अमेरिकी दूतावास
के पास प्रदर्शन का लाइव प्रसारण
4. लेफ्ट-बीजेपी के एक मंच पर आने को लेकर अधिक विश्लेषण
5.पहली बार भारत बंद के जरूतर पर मूल्यांकन....
6.गणपति विसर्जन का लाइव कवरेज ...
3
भारत बंद:
रौशनी नीलाम करके
पूछते हो,
कहो आफताब क्या हाल
है ...? (अज्ञात)
4
जनता के नाम पर ढोंग करने वाले
रंगासियारों को पहचानिये और समझिए.चुनाव में इन्हें एक जोर का धक्का दीजिए..
जागो जनता जागो....!
5
गैस कनेक्शन देने वाली एजेंसियां कितनी
चोरी/धांधली करती हैं/आवश्यकता न होने के बावजूद सिलेंडर के साथ चूल्हा देने के
नाम पर मनमानी तरह से लूटती हैं.... २५०० की जगह ५५००-६००० रुपये लेती हैं
.कहीं-कहीं इससे अधिक में भी लेती हैं...
उन्हें सिर्फ पैसा
दीजिए,दस्तावेज न हो तो
भी कनेक्शन मिल जायेगा....
इस पर कोई क्यों
नहीं बोलता ....?
6
कुछ चैनल भारत बंद को 'महाबंद' बता रहे
हैं.ममता कह रही हैं बंगाल में बंद का असर नहीं रहा.
महाराष्ट्र का बयान
है गणपति के वजह से बंद नहीं था.
शेष जानकारी बंद को
देखने वाले दे सकते हैं .......
7
एफडीआई का अंधा विरोध करने वाले देशी
बनियों/व्यापारियों/चोरों/कालेबाजारियों/ के बारें चुप हैं...क्यों ?
इसका राज़ क्या है
...?
8
कोटेदार जनता को घोषित चीनी /मिट्टी का
तेल/ अनाज नहीं देता/चोरी करता है.
प्रधानों /नेताओं/
दबंगों/जिलापूर्ति अधिकारीयों के साथ मिलकर घालमेल करता है....कालेबाजारी करता
है.इसके खिलाफ लोग क्यों नहीं बोलते ....?
9
यहीं भाजपा थी,80 रुपये तक
टमाटर बेची थी.
कांग्रेस-भाजपा
महंगाई की दादी-नानी हैं ....
इनको पहचानिये,बिचौलिए/बहुरूपिये
पार्टियों से बचिए ........
समय आने पर जोर का
धक्का दीजिए ....
10
भारत बंद में शामिल लोगों को देख रहा
हूँ.इसमें वे लोग नहीं दिख रहे हैं,जिनके चेहरे पर झुर्रियाँ हो,पीठ पर फटी गंजी और
नंगे पैर...
जिनके नाम पर भारत
को बंद किया गया है...या जिनके नाम पर संसद को ठप रखा गया...अधिकतर चेहरे
टमाटर/सेब/गुलाब की तरह लालीमा लिए युक्त दिख रहे हैं...लकदक कुर्ता
पायजामा/खादी/लिनेन/रेशम/मटका/सिल्क /काटन/...पहने...घूम फिरकर तो यहीं दिखते हैं
...पढ़ने वाले 'लिंग' परिवर्तन करके भी पढ़ सकते हैं....
11
यदि इस मुल्क में तस्वीर देखकर जनता वोट
देती तो शहीद-ए-आजम भगत सिंह एवं साथियों के नाम पर लोग चुनाव नहीं लड़ते,जीतते और सरकार
बनाते...
अन्ना किस भ्रम में
हैं ...?
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