Tuesday 9 October 2012

मलाला युसुफ़जई के हौसले को सलाम !


रमेश यादव 

मलाला युसुफ़जई ! 
घूटने मत टेकना उनकी बंदूकों के आगे 
डटकर करना मुकाबला  
कठमुल्लों/कट्टरपंथी तालिबानियों का
उनकी मिसाइलें भी खामोश हो जाएँगी
कम पड़ जाएँगी गोलियाँ  
तुम्हारे फौलादी इरादों के आगे
झुकना ही होगा
उन्हें एक दिन
तुम्हारे मिशन के सामने
कामयाब होगा तुम्हारा सपना    
जारी रखना अपने हौसलों की उड़ान 
तुम्हारे पाक इरादे
दर्ज़ होंगे
दुनिया के इतिहास में
जनेंगीं 'माएं'
हजारों 'मलाला'
फक्र करेंगी तुम्हारे बहादुरी पर
हार मत मानना 
तुम्हारे पीछे कतार लगाये खड़ी हैं 
उम्मीद भरी करोड़ो नज़रें   
अपनी बेहतरी सपना लिए 
तुम बनना 
उनकी मुक्ति 
का अगुआ ...

09/10/2012
नोट : पाकिस्तानी की 14 वर्षीय किशोरी मलाला युसुफजई को देश के उत्तर-पश्चिम में स्वात घाटी में तालिबानियों प्राणघातक हमला किया है.वो घायल है.
मलाला पहली बार साल वर्ष 2009 में सुर्खियों आईं जब 11 साल की उम्र में उन्होंने तालेबान के साये में ज़िंदगी के बारे में बीबीसी उर्दू के लिए डायरी लिखना शुरु किया. इसके लिए उन्हें वर्ष 2011 में बच्चों के लिए अंतरराष्ट्रीय शांति पुरस्कार के लिए नामांकित किया गया था.

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